Friday, May 22, 2020

जीव विज्ञान (Biology)

इस पोस्ट हम अध्ययन(Study) करेंगे-
जीव विज्ञान क्या है?
जीवधारियों का वर्गीकरण,जीवों के नामकरण द्विनाम पद्धति।
जीवधारियों के वैज्ञानिक नाम।
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जीव विज्ञान(Biology)-

जीवविज्ञान(Biology)की वह शाखा जिसके अंतर्गत हम पेड़, पौधे व समस्त जीवधारियों व उनके क्रियाकलाप, रहन-सहन, खान-पान व उनके सम्पूर्ण जानकारी का अध्ययन(Study)करते हैं इसके बारे में अरस्तु(Aristotle)  ने बहुत अध्ययन किया इसका सारा श्रेय इनको जाता है।
इन्होंने ने जीव विज्ञान के बारे में काफी कुछ अध्ययन किया ।
इसकी दो शाखाएं हैं- वनस्पति विज्ञान(Botony), जन्तुविज्ञान(Zoology).

वनस्पति विज्ञान(Botony)-पादप रोगों के अध्ययन को वनस्पति विज्ञान(Botony) कहते हैं।
जन्तुविज्ञान(Zoology)- जंतु के अध्ययन को जन्तुविज्ञान या प्राणिविज्ञान(Zoology) कहते हैं।
'थियोफ्रेस्ट्स'(Theophrastus)  वनस्पति शास्त्री(Botanist) ने 500 पौधों की किस्मों का वर्णन किया।उस पुस्तक का नाम है-Historia,Plantarum है।


जीवधारियों का वर्गीकरण(Classification of fauna)-

वैज्ञानिक आधार पर इसको वर्गीकृत जॉन रे(John-Ray) ने किया जीवधारियों के आधुनिक वर्गीकरण में सबसे बड़ा योगदान'करोलेस लीनियस'(1708-1778 ई.)का है। ये स्वीडिश है। लीनियस की पुस्तक सिस्टमा नेचुरी(Systema ,Naturae), जेनेरा प्लान्टेनम(Genera plantrarum),क्लासेस प्लान्टेनम(Classes plantrarum) एवं फिलोसोफिया बोटेनिका(philosophia botanica) इन सभी पुस्तको में जीवधारियों के ऊपर विस्तृत प्रकाश डाला है। सिस्टमा नेचुरी-इसमे पूरे जीवधारियों को दो जगत में विभाजित किया है-पादप जगत(Plant Kingdom),जंतुजगत(Animal kingdom).इससे जो वर्गीकरण प्रणाली शुरू हुई उसेे आधुनिक वर्गीकरण प्रणाली कहीं गई इसीलिए कैरोलस लीनियस वर्गीकरण का पिता कहा जाता है। 

1.मोनेरा(Monera)-
इस जगत में प्रोकैरियोटिक जीव व जीवाणु आर्की बैक्टीरिया तथा साइनोबैक्टीरिया शामिल है।
2. प्रोटीस्टा(Protista)-
इस जगत में एककोशिकीय यूकैरियोटिक जीव शामिल है। पादप एवं जंतु के बीच स्थित यूग्लीना इसी जगत में स्थित है।
3.पादप(Plantae)-
इस जगत में प्रायः रंगीन व बहुकोशिकीय प्रकाश,संश्लेसी जीव शामिल है। 
4.एनिमेलिया(Animalia)-इसमे सभी बहुकोशिकीय जीव शामिल है।सम्भोजी(Halozic) यूकैरियोटिक, उपभोक्ता जीव शामिल किए गए है।
5.कवक(Fungai)-
इसमे परजीवी तथा मृत पदार्थ पर भोजन के लिये निर्भर जीव सम्मलित है।इनकी कोशिका भित्ति 'काइटिन(Chitin) की बनी होती है।

जीवो के नामांकरण  द्विनाम पद्धति(Nomenclature binomial method of living)-

लीनियस 1753 में जीवों के  नामकरण पद्धति को प्रचलित किया।
इनके अनुसार- जीवधारी का नाम लैटिन भाषा के दो शब्दों से मिलकर बनता है।पहला  वंश (Genetic), जाति(Species) कहलाता है।
कारोल्स लीनियस
Carolus Linnaes
जीवधारियों के वैज्ञानिक नाम-
•बिल्ली(Felis Domestica)
•मानव(Homo Sapiens)
•धान(Oryza Sativa)
•सरसों(Brassica Campestris)
•मटर(Pisum Sativa)
•मक्खी(Musa Domestica)
•गाय(Bos Inicus)
         

https://youtu.be/aRsm90tUvPw

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