विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र
नवीनतम प्रगति......
https://sciencemodernteac.blogspot.com/?m=1
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● विभिन्न क्षेत्रों में तकनीकी की नवीनतम प्रकृति जैसे- रक्षा एवं प्रतिरक्षा, चिकित्सा के क्षेत्र में,कृषि के क्षेत्र में, परिवहन के
क्षेत्र में, विनिर्माण के क्षेत्र में,ऊर्जा के क्षेत्र में।
• रक्षा एवं प्रतिरक्षा के क्षेत्र में(In the field of defense and defense):-
भारतीय रक्षा एवं प्रतिरक्षा नीति के अंतर्गत अनुसंधान एवं विकास के लिए "रक्षा विज्ञान संगठन" तथा कुछ अन्य तकनीकी विकास प्रतिष्ठानों को मिलाकर
'रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन(DRDO)'का गठन किया गया। राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में हमारे देश में बहुत उन्नत की है।
रक्षा एवं प्रतिरक्षा के उद्देश्य से सतह से सतह पर मार करनेे वाली मिसाइल' पृथ्वी' अत्याधुनिक प्रणालियों संयुक्त मुख्य युद्धक टैंक 'अर्जुन' विमानों के लिए - फ्लाइट सिमुलेटर, चालक रहित लक्ष्य भेदी विमान, बैकून बैरेज प्रणालीआदि DRDO की प्रमुख उपलब्धियां हैं।
• चिकित्सा के क्षेत्र में(In the field of medicine)-
पहले बढ़ती हुई घातक बीमारियों से बचने एवं रोकथाम के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं थी। चिकित्सालय में आधुनिक मशीनों जैसे- ' स्कैनर,एक्सरे एंडोस्कोप' का प्रयोग रोगों की जांच के लिए किया जाता हैंं।लेकिन पहले ऐसा नहीं था। धीरे-धीरेे वैज्ञानिकों के खोज से इसका निदान मिला।
अतः आधुनिक चिकित्सा पद्धति के अंतर्गत निदनमूलक उपचार ,मूलक तकनीकी का प्रयोग हुआ।
जैसे- रेडियोग्राफी,एंजियोग्राफी,कंप्यूटेड टामोग्राफी(C. T.) मैग्नेटिक रिजोनेंस इमेजिंग(M.R.I.),सोनोग्राफी आदि।
चिकित्सा के नवीनतम उपलब्धियों में अंग प्रत्यारोपण तकनीक, हीमोडायलिसिस, प्रोस्थेसिस आदि हैं।
'टेली चिकित्सा'के अंतर्गत"5-6"घंटे के अंदर विश्व के किसी भी चिकित्सा विशेषज्ञ विचार-विमर्श करके रोगी का चेकअप कराया जा सकता।
•कृषि के क्षेत्र में(In the field of agriculture)-
भारत कृषि प्रधान देश होने के कारण, कृषि क्षेत्र की क्षमता का अत्यधिक दोहन ही "अभिनव कृषि" का उद्देश्य है।
आधुनिक युग में कृषि के आधुनिक उपकरणों, उन्नतशील बीजों उर्वरकों और पर्याप्त सिंचाई के साधन के प्रयोग से कृषि उपज बढ़ाने में पर्याप्त सफलता प्राप्त हुई है।
अभिनव कृषि के अंतर्गत जैवपीड़ककीट नियंत्रण विधि एवं नाइट्रीकरण निरोधक का प्रयोग हो रहा है। कृषि के क्षेत्र में सौर ऊर्जा के प्रयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। जहां जल की उपलब्धता का अभाव है वहां छिड़काव तंत्र तथा ड्रिप तंत्र विधि का प्रयोग होता है।
•परिवहन के क्षेत्र में(In the field of transportation)-
परिवहन के क्षेत्र में नवीनतम तकनीकी के अंतर्गत" मेट्रो बुलेट ट्रेन एवं मोनो रेल" आदि चलने लगे।
पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने के लिए ई-रिक्शा एवं CNG गाड़ियों के के प्रयोग का बढ़ावा दिया जा रहा है।
रेलो की स्पीड बढ़ा कर,रेल यातायात को नवीन रूप देने का प्रयास किया जा रहा है।
परिवहन के प्रगति के कारण दिनों में पूरे होने वाली यात्रा आज चंद घंटों में पूरी हो जाती है।
रेल सड़क जल और वायु परिवहन के क्षेत्र में यद्यपि विकास तेजी से हुआ है,परंतु विश्व की अग्रणी पंक्ति में अपना स्थान सुनिश्चित करने के लिए विज्ञान एवं तकनीक का लगातार प्रयासरत है।
विनिर्माण के क्षेत्र में(In the field of manufacturing)-
विनिर्माण क्षेत्र किसी भी अर्थव्यवस्था की संपन्नता का जनक होता है। इसका विकास हमारे प्राकृतिक ओर कृषि संसाधनों के मूल्य संवर्धन के लिए भी महत्वपूर्ण है।
राष्ट्रीय विनिर्माण नीति में राष्ट्रीय विनिर्माण और निवेश क्षेत्रों की स्थापना,व्यापार के नियमों को युक्तिसंगत और सरल बनाना, बीमार इकाइयों को बंद करने की व्यवस्था को सुगम बनाना, औद्योगिक प्रशिक्षण और कौशल उन्नयन के उपाय बढ़ाना और विनिर्माण इकाइयों और संबंधित गतिविधियों में अंश धारिता /पूंजी लगाने के लिए भी प्रोत्साहन देना शामिल है।
ऊर्जा के क्षेत्र में(In the field of energy)-
ऊर्जा के कुछ स्रोतों को लगातार इस्तेमाल किया जा रहे हैं।
सोलर सेल पैनल
आज कई तरह के ऊर्जा स्रोत इस्तेमाल में लाए जा रहे हैं जैसे कि-
"कोयला पेट्रोलियम प्राकृतिक गैस नाभिकीय ऊर्जा पवन ऊर्जा सौर ऊर्जा" आदि हैं। ऊर्जा के कुछ स्रोतों को लगातार इस्तेमाल किया जा सकता है यह एक निश्चित अवधि के बाद पुन:पूर्ति की जा सकती है।
इस प्रकार के उर्जा को नवीकरणीय ऊर्जा या अक्षय ऊर्जा स्रोत कहते है।
कुछ ऐसे उर्जा जिनकी पूर्ति नहीं की जा सकती उन्हें और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत कहते हैं।
अनुमान का वर्तमान और भविष्य की ऊर्जा की मांग को देखते हुए विश्व भर में स्वच्छ एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों ( सौर,बायोगैस समुद्री नाभिकीय ,जल एवं भू-तापीय ऊर्जा) आदि के प्रयोग का बढ़ावा दिया जा रहा है। इनके प्रयोग से पर्यावरण की क्षति और ग्लोबल वार्मिंग से भी बचा जा सकता है।
नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोत सर्वाधिक व्यापक और असीमित ऊर्जा के स्रोत है अन्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की तुलना में सौर ऊर्जा सबसे महत्वपूर्ण एवं कम प्रदूषण कारी है है।
इस टॉपिक से सम्बंधित आपको कोई भी चीज समझ में ना आया हो तो मैं कमेंट करके जरूर बताएं हम आपको सलूशन देनी की पूरी कोशिश करेंगे।
Good
ReplyDeleteNice topic
ReplyDeleteThanks for it.
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