Sunday, May 3, 2020

आओ समझे विज्ञान....

विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में  नवीनतम प्रगति

(Latest progress in the field of science and technology).

1.संचार के क्षेत्र में-(In the field of telecommunications.)

                                 संचार मानव की प्रगति के लिये अति महत्वपूर्ण हैं। संचार के क्षेत्र मेंं संचार के क्षेत्र में टेलीविजन,
टेलिफोन, कंप्यूटर इलेक्ट्रॉनिक, डाक सेवा और इंटरनेट  और
  (E-mail) का का प्रयोग जनसंचार के क्षेत्र में क्रांति के रूप में आए।
कंप्यूटर के आविष्कार के बाद संचार के क्षेत्र में नित नए प्रयोग उत्पन्न किए गए, सूचना तकनीकी का प्रयोग कर भारतीय डाक विभाग ने वर्ष (2001) में नवीन डाक सेवा प्रारंभ की जिसे ईपोस्ट का नााम दिया।
20वी शताब्दी मेंं मोबाइल फोन जुड़ गया।
21 वी शताब्दी में नई नई तकनीकी से सुसज्जित होकर एक नए (Smart mobile) के साथ तीन जी थर्ड जनरेशन(3G)  
फोर्थ जेनरेशन (4G) के रूप मेंं उपलब्ध फिफ्थ जनरेशन 
(5G) भी  आ गया है।

2.शिक्षा में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी(ICT)के क्षेत्र में-

                                                                             शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए आईसीटी(ICT) योजना को शुरू किया गया। या योजना छात्रों को विभिन्न सामाजिक आर्थिक डिजिटल डिवाइस(Digital device) और अन्य भौगोलिक  
अवरोधो  को पार करने का सेतु है।
Modern science technology.

शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए विशिष्ट शिक्षकों की नियुक्ति की गई,जो "(ICT) केंद्रित शिक्षा देने में समर्थ हो स्कूल योजना में आईसीटी(ICT) के अंतर्गत कई राज्यों केंद्र शासित राज्यों में स्मार्ट स्कूलों(Smart colleges) का अनुमोदन किया गया है।" इसका उद्देश्य युवाओं को आईसीटी(ICT) का प्रयोग करते हुए वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा तथा संस्थापन,जीविका और 
ज्ञान आधारित समाज की बढ़ोतरी में सृजनात्मक दृष्टि से तैयार करना है।

3. अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में(In the field of space technology)-

भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक " डॉ विक्रम साराभाई" की अध्यक्षता में वर्ष"1962" भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति ( इनकॉस्पार INCOSPAR)
का एवं नवंबर "1969"में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन
(ISRO)  का गठन हुआ।
 अब हमारे पास भारतीय राष्ट्रीय उपग्रह (INSAT) एवं भारतीय दूर संवेदी आईआरएस (IRS) जैसी अत्याधुनिक उपग्रह प्रणाली मौजूद है।
भारत ने दो प्रकार के उपग्रह प्रक्षेपण यानो  की रूपरेखा तैयार कर इस्तेमाल योग्य बनाया हैं।
एक ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान पीएसएलवी(PSLV)
Modern science technology.

जिसमें भारतीय सुदूर संवेदी उपग्रह प्रक्षेपित किए जाते हैं और दूसरा है भू स्थैतिक उपग्रह प्रक्षेपण यान यान यान जीएसएलवी(GSLV) जिसमें इनसेट परिवार केे
उपग्रह छोड़े जाते हैं।
"कीयो यूनिवर्सिटी" द्वारा इसकी पुष्टि की गई।
" भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान मंगलयान एवं Chandrayaan-1 के सफल परीक्षण में सफल रहा

महत्वपूर्ण बातें.....
1.अंपतरिक्ष में पहुंचने वाले प्रथम व्यक्ति- यूरी गागरिन
2.अंतरिक्ष में जाने वाले प्रथम भारतीय -राकेश शर्मा
3.प्रथम भारतीय महिला अंतरिक्ष यात्री- कल्पना चावला
4.भारत का प्रथम चालक रहित विमान- लक्ष्य 


  मैं आशा करती हूं कि आपको एक टॉपिक अच्छे से समझ में आ गया होगा,यदि आपको इस टॉपिक से संबंधित तो आप हमें कमेंट करके जरूर बताइएगा।
हम आपकी परेशानी को दूर करने की पूरी कोशिश करेंगे।

 धन्यवाद।



3 comments:

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